रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया) एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो मरीज के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। आपका इम्यून सिस्टम इस बीमारी में दोषपूर्ण तरीक़े से काम करता है और अपनी स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इससे शरीर के प्रभावित हिस्सों में सूजन आ जाती है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया) में शरीर के छोटे और बड़े जोड़ जैसे कलाई, हाथ के छोटे जोड़, कंधे, घुटने और टखने के जोड़ शामिल हो सकते हैं। इससे जोड़ों के आसपास दर्द, सूजन और सुबह अकड़न आती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस का प्रभाव शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे फेफड़े, आंख और हृदय पर पड़ता है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया) के लक्षण और संकेत
• जोड़ों में दर्द , अकड़न, सूजन
• दुर्बलता
• बुखार का अहसास
• थकान
• वजन घटना
रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया) के पीछे कारण
रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया ) के पीछे का कारण इम्यून सिस्टम का दोषपूर्ण तरीक़े से काम करना होता है । आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित करती है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया) का निदान
डॉक्टर पहले लक्षणों की समीक्षा करेंगे और फिर रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया ) का परीक्षण से निदान करेंगे। इसके अलावा, डॉक्टर मरीजों की शारीरिक जांच, प्रयोगशाला परीक्षण और एक्स-रे, जोड़ो का अल्ट्रासाउंड और एमआरआई स्कैन (यदि आवश्यक हो) की जांच करते हैं।
लक्षणों की शुरुआत के दौरान, निदान करना सबसे अच्छा है। यह संभवतः तभी होगा जब आपने जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह ली हो। रोग का समय पर उपचार गठिया की प्रगति को धीमा या रोक सकता है। सूजन को नियंत्रित करने या रोकने में असरदार इलाज फायदेमंद होता है। यह बीमारी की प्रगति को रोकने में मददगार है।
योग्य प्रशिक्षित रुमेटोलॉजिस्ट ही उपचार द्वारा आपको उचित स्वास्थ्य लाभ दे सकते है ।
डॉ. आशीष बाड़ीका के पास रुमेटोलॉजी और क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में 3 साल का उन्नत प्रशिक्षण है, जिसमें 2 साल पोस्ट डॉक्टरल भी शामिल है।