स्क्लेरोडर्मा लंबे समय तक रहने वाला और लगातार बढ़ने वाला रोग है। समय के साथ-साथ यह स्थिति बदतर हो सकती है। स्क्लेरोडर्मा कई रूप ले सकता है और शरीर के कई अलग-अलग क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
ऐसा कोई उपचार नहीं है जो स्क्लेरोडर्मा की विशेषता वाले कोलेजन के अतिउत्पादन को रोक सके। लेकिन विभिन्न प्रकार के उपचार लक्षणों को नियंत्रित करने और जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।
क्योंकि स्क्लेरोडर्मा शरीर के कई अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित कर सकता है, लक्षणों के आधार पर दवा का विकल्प अलग-अलग होगा।
उदाहरणों में ऐसी दवाएं शामिल हैं जो:
- एनएसएआईडी (नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी) दवाएं सूजन व दर्द को कम करने में मदद करती हैं।
- प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने वाली दवाएं जैसे मायकोफेनोलेट, सायक्लोफोस्फेमाइड या मेथोट्रेक्सेट आदि।
- पेट के एसिड को कम करने वाली गोलियां|
- इम्यूनोसप्रेसिव थेरेपी से प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि को रोका जाता सकता है। इसके द्वारा प्रतिरक्षा प्रणाली की सक्रियता को नियंत्रित करके स्क्लेरोडर्मा का उपचार करने की कोशिश की जाती है।
- स्क्लेरोडर्मा की फेफड़ों में समस्या को कम करने के लिए ऑक्सीजन थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है।
- इस रोग का इलाज रुमेटोलॉजिस्ट से सही समय पर करवाने से इसकी जटिलताओ से काफ़ी हद तक राहत मिल सकती है|